कभी कभी अजूबा सा लगता है की कोसी नदी के कछार पर बसा हुआ एक गाँव फ्रेंचाईजी बेस्ड एक कबड्डी लीग का आयोजन सफलता पूर्वक कर लेगा वो भी प्रो-कबड्डी लीग के तर्ज पर. उसको इतना समर्थन मिलेगा की जिले ही क्या राज्य भर में चर्चा होने लगेगा. हाँ, आप ठीक सुन रहे है और समझ रहे हैं , मैं चैनपुर कबड्डी लीग अर्थात CKL की बात कर रहा हूँ. बिहार के किसी गाँव में ऐसा होना किसी अजूबे से कम नहीं था.
चैनपुर कबड्डी लीग की चर्चा शुरू में एक आइडिया के तौर पर ही हुई थी, लेकिन उसमे जोश की अधिकता थी पर कैसे धरती पर इसे उतरा जाय इसमें अनिश्चितता सी थी. शुरूआती आइडिया चैनपुर के सामाजिक संगठन 'टीम राहत' , जो कुछ जोशीले युवा का संगठन है, की थी जिसे बाद में एक ठोस धरातल पर पहुंचाने का श्रेय श्री निरंजन ठाकुर को जाता है. उन्होंने अपनी कार्यशैली, निष्पक्षता, लोगों का विश्वास और सामजिक क्षेत्र में अपने योगदान के ट्रैक रिकॉर्ड के बूते यह संभव कर दिखाया.
यह बिलकुल प्रो कबड्डी लीग के तर्ज पर हुआ. एक सी के एल की समिति बनी. श्री निरंजन ठाकुर इसके कमिश्नर बने, उज्जवल ठाकुर को अध्यक्ष बनाया गया. उसके बाद कुछ गणमान्य को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी गयी इस सी के एल को सफल बनाने के लिए.
सी के एल में चार मालिकों की चार टीमें थी . अमेरिकन अंगद के मालिक थे निरंजन ठाकुर (अप्रवासी चैन्पुरियन) , बुल राइडर्स के मालिक रहे श्री ज्योति वत्स (एन्तेर्प्रेनौर), सेवेन रेडर्स के मालिक थे नील आर्यन ठाकुर (रूबरू मिस्टर इंडिया) एवं टीम राहत जो अपने संगठन के नाम पर ही थे.
इन चारों टीम का चयन खिलाडियों के नीलामी से हुआ था. जबरदस्त बोलियाँ लगी थी. राज्य के लगभग बारह जिलों के कबड्डी खिलाडियों ने इस नीलामी में भाग लिया था .
ढेर सारे काम थे. इवेंट के आयोजन के जगह का चुनाव एक समस्या था. पर सी के एल समिति के प्रबंधन के अथक प्रयास से एक जगह लिया गया जिसे 'सुरेन्द्र-भैरव स्पोर्ट्स एरिना' कहा गया . यह जगह एन एच 107 से ठीक पूर्व उच्च विद्यालय के उत्तर में है. यह एरिना किसी राष्ट्रीय स्तर के एरिना से कमतर नहीं लग रहा था.
यह कार्यक्रम तीन दिन तक चला, ७-९ अप्रैल २०२३. जिलाधिकारी श्री आनंद शर्मा जी ने इसका उद्घाटन फीता काट कर किया.
इस तीन दिन में फ़ाइनल सहित १४ मैच खेले गए जिसमे एक प्रदर्शन मैच सहरसा जिला बालिका कबड्डी टीम एवं बनगांव बालिका कबड्डी टीम के बीच मैच भी था. मैच के लिए कृत्रिम प्रकाश का बढियां इंतज़ाम था.
चारों टीम ने जबरदस्त प्रदर्शन किया लेकिन अमेरिकन अंगद टीम एक भी मैच जीत नहीं पाई. टीम राहत लीग स्टेज में सबसे आगे रही वहिं बुल राइडर्स एवं सेवेन रेडर्स के बीच कांटे की टक्कर रही. लेकिन बुल राइडर्स ने पॉइंट के आधार पर सेवेन रेडर्स को पराजित कर फाइनल में जगह बना लिया. अब फाइनल में थी: टीम राहत एवं बुल राइडर्स.
और फाइनल तो फाइनल जैसा ही हुआ. क्या कहते हैं, nail biting फिनिश, वही हुआ. और बाजी मारी बुल राइडर्स ने. सी के एल २०२३ की विजेता बनी ज्योति वत्स की टीम बुल राइडर्स . एक चमचमाती ट्राफी सहित २१००० रुपया का पुरस्कार मिला. रनर्स अप टीम राहत को १५००० रुपया का इनाम मिला.
प्लेयर ऑफ़ थे टूर्नामेंट का अवार्ड मिला टार्जन को तथा बेस्ट डिफेंडर का अवार्ड मिला १४ वर्षीय नैतिक को.
टूर्नामेंट खासा सफल रहा. हर मैच के दौरान खचाखच भीड़ रही. पहली बार गाँव में किसी खेल के दौरान महिलाओं की इतनी अच्छी उपस्थिति देखी गयी.
मैच का प्रबंधन लाजबाब था. इस कार्यक्रम के दौरान गाँव की एका देखी गयी.
राष्ट्रीय स्तर के अंपायर आये थे, सहरसा जिला के सभी अधिकारियों का अच्छा सहयोग रहा. सांसद,श्री दिनेश चन्द्र यादव, पूर्व मंत्री एवं विधायक श्री आलोक रंजन, पूर्व विधायक श्री किशोर कुमार मुन्ना, इत्यादि ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से चार चाँद लगाया.
और अंत में विजय वर्धन जी की चर्चा करना ख़ास जरूरी. उन्होंने नीलामकर्ता की बेहतरीन भूमिका निभाई, समय समय पर अपनी विशेष टिपण्णी देते रहे कार्यक्रम को सफल बनाने के बावत. और फिर कमेंट्री में विजय जी एवं आनंद झा जी ने अपना कमाल दिखाया.
गाँव से बाहर रहने वाले लोगों के लिए लाइव वेबकास्ट का इंतज़ाम भी किया गया था sportvot.com के सहयोग से.
साथ ही गाँव के लोग, युवा खासे धन्यवाद और साधुवाद के पात्र हैं जिन्होंने अपने उर्जा, कर्त्तव्य निष्ठा एवं लगन से इस कार्यक्रम को अविस्मरणीय बना दिया.
जय भगवती
जय चैनपुर