Sunday, January 5, 2014

राम भाय - एक मित्र

४ जनवरी के दिन एकटा दुखद समचार देलक. हमर सबहक प्रिय, नंगोटीया संगी, राम भाय उर्फ़ रमानाथ ठाकुर,  हमर सबहक संग छोडि देलाह. एक ह्रदय विदारक घटना में हुनकर हत्या क देल गेलेन. किछ नहीं फुड़ा रहल ऐछ. आहत छि. पता नहीं, एहेन नीक लोक के एतेक जल्दी भगवान् कोना शोर पारि ले छथिन्ह? कनिए दिन पहिलुका त बात छै, जे काली पूजा में लगभग २० बरस के बाद हुनका देखने छलहु, आ तखन जल्दिये एहेन दुखद समाचार भेटल, काल के क्रूर हाथ राम भाय के छीन ललक आ ढेरिक रास दुःख द देलक हमरा सब के आ हुनकर परिवार के. भगवान् शक्ति देथुन हुनका परिवार के एही कष्ट के सामना करय में.

बचपन से हम सब संगे संग पढैत रही. बचपने से विशेष मेहनती रहैथ. आर्थिक रूप से बेसी सक्षम नहियो रहलाक बाबजूद , अपन शिक्षा में बाधा नहीं बने देने छलखिन. अपन मेहनत के बल पर दसवीं कक्षा में चैनपुर उच्च विद्यालय में ७५ प्रतिशत से बेसी अंक आनि विद्यालय में दोसर स्थान प्राप्त केने छलाह. बाद में तेज नारायण बनैली कालेज भागलपुर से इंटर एवं स्नातक के परीक्षा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण केने छलाह. बाद में बैंक के परीक्षा में सफल भ क बैंक में नौकरी केलैथ आ सम्प्रति ओ इलाहाबाद बैंक में मनेजर के पद पर छलैथ. एकटा बात आरो, राम भाय एहेन छलाह जे नेनो में नहीं याद ऐछ जे कहियो ककरो से झगड़ो केने हेताह.

राम भाय के हम विनम्र श्रद्धांजली अर्पित करैत छि.

एखन हम एही से बेसी किछ नहीं लिखे के स्थिति में छि.