Thursday, April 26, 2012

चैनपुर, हमरा सबहक जान


चैनपुर, हमरा सबहक जान, एकरा बिना अपना सबहक कोनो अस्तित्व नहीं अछि. बिहार राज्य के मिथिला क्षेत्र में कोशी नदी के बेसिन में बसल चैनपुर गाम सहरसा जिला मुख्यालय से १० किलोमीटर के दूरी पर अवस्थित अछि. इ गाम अपन शिक्षा संस्कार आ विद्वान सबहक कारन से पुरे मिथिला में प्रसिद्ध अछि. एही गाम के आदि पुरुष श्री भागीरथ ठाकुर के मानल जायत अछि आ गाम के लोक अपना के भागीरथ ठाकुर के ही वंशज मानैत छथि. परंपरागत विश्वास के अनुसार एखन से लगभग २५० साल पहिने एही गाम में भागीरथ बाबा आयल छलथि. ओना इतिहास के पन्ना के खंगालाल जाय त इहो मान्यता बुझायत अछि जे इ गाम बड्ड पुराण अछि.कहल जायत अछि जे आठवी सदी में जखन शंकराचार्य शास्त्रार्थ करबाक लेल मंडन मिश्र लग महिषी आयल छलथि तखन ओ चैनपुर होइत गेल छलाह. एही ठाम नीलकंठ महादेव के पूजा क क ओ धेमरा नदी (धर्ममूला) पार क क महिषी पहुंचल छलाह. इ अख्यायन शायद शंकर विजय नामक प्रबंध ग्रन्थ में उपलब्ध अछि. संगही, गाम में कतेको पुरान मूर्ती सब भेटल अछि, जे अद्वितीय अछि जेना सूर्य भगवान् के आदमकद मूर्ति, विष्णु भगवन के मूर्ति आदि आदि. अवश्ये अपन गाम बड्ड पुरान अछि, मुदा एकर पौराणिकता सिद्ध करबाक कोनो सबूत शायद उपलब्ध नहीं अछि. किछ अपठनीय लेख सब सेहो उपलब्ध अछि जाकर पढबाक बाद शायद अपना सब के पता लगि जायत गाम के मूल. छोडू एही सब बात के. अपन गाम के बनाबट अनमोल अछि. आस पास के कोनो गाम के संरचना एहन नहीं अछि. बुझायत अछि क्यों बढ़िया कलाकार अपन कला के प्रदर्शन केने छल गाम के संरचना के योजना बनेबा काल में. चारि-चारि टा सीधा सामानांतर सड़क जे गाम के एक छोड़ से दोसर छोड़ तक आ पुनः एही चारू सड़क के समकोण पर काटैत पांच छ: टा सड़क. अजूबा बुझायत अछि. गाम के शुरू में पश्चिम भाग में टीला जाहि पर आदि काली मंदिर अछि त दोसर दिशि नीलकंठ मदिर पूरब में दोसर टीला पर, बुझायत अछि शिव एवं शिवा दुनु दिस से गाम के स्वयं रक्षा के लेल विराजमान छथिन्ह. संगहि गाम के मध्य में दुर्गा स्थान, पूरा शक्ति के संतुलित करैत बुझायत अछि. गाम के चारू दिस पानि बहे के उत्तम व्यवस्था घोर आश्चर्य उत्पन्न करैत अछि.

अपन गाम बड्ड निक अछि. गाम के लोक शिक्षा दीक्षा पर विशेष ध्यान देत छथिन्ह. गाम में कतेको स्कूल अछि. ढेरों प्राथमिक विद्यालय, दुई टा मिड्डल स्कूल, दुई टा हाई स्कूल, एकटा संस्कृत महाविद्यालय अछि. धार्मिक स्थान के रूप में नीलकंठ मंदिर, काली मंदिर (बुढ़िया काली आ नवकि काली), दुर्गा मंदिर, विष्णु घर, हनुमान थान, ब्रहम बाबा, राधा कृष्ण कुटी, मार्कंडेय बाबा के काली मंदिर इत्यादि दर्शनीय स्थल ठीक. गाम में पोखरि इनार के कमी नहि. मुदा आब एकर सबहक ओतेक उपयोग नहि कैल जायत अछि.

गाम में सब पर्व त्यौहार संपूर्ण उमंग, उत्साह आ धार्मिक वातावरण में मनायल जायत अछि. काली पूजा आ फगुआ त किछ बेसिए नामी अछि मुदा दशहरा आ शिवरात्रि मनबय में सेहो कोनो कमी नहि. कृष्णाष्टमी, रामनवमी आ हनुमान जयंती सेहो परम श्रद्धा भक्ति से मनायल जायत अछि.

गाम कतेक रत्न के जननी थीक, गिनायब मुश्किल. किछु नाम एही ठाम लिखी रहल छि. सबहक नाम देब त संभव नहि, ते कने असुविधा महसूस भ रहल अछि. तैयो

पं अमृत्नाथ झा, पं अर्जुन झा, पं गंगाधर मिश्र, पं छोटू बाबु, श्री कृष्ण मिश्र, स्व.भ्रिगुदेव झा, पं इन्द्रानन झा, पं शिलानंद झा, पं. मधुकांत झा 'मधुकर'....,

गुनी बाबा, नुनु बाबा, श्री नारायण ठाकुर, श्री जय नारायण ठाकुर, श्री यदु झा, श्री भूप नारायण ठाकुर (गबैया बाबा), वीरन गोसाईं...........

पं हरेकृष्ण मिश्र, स्व. गुनी ठाकुर, श्री तुलाकृष्ण झा, श्री दीना नाथ मिश्र, श्री हरे कृष्ण झा, श्री गिरीश चन्द्र झा, श्री रतिश चन्द्र झा, श्री सतीश चन्द्र मिश्र, श्री शशि कान्त झा, श्री भाल चन्द्र मिश्र ...

स्व. गंगाधर झा, श्री उमा कान्त झा, स्व. घुघुर बाबु, श्री अरुण ठाकुर, श्री मनोज झा, श्री सरोज कुमार ठाकुर, श्री आशीष भरद्वाज, श्री शैलेश मिश्र, श्री लड्डू बाबु, श्री डी.न.ठाकुर, श्री रविन्द्र नारायण ठाकुर, श्री राम चन्द्र ठाकुर ....................

अमर शहीद भोला ठाकुर, स्व. जनार्दन झा, स्व. अनिरुद्ध मिश्र, स्व. बिह नारायण ठाकुर (स्वतंत्रता सेनानी)

अपना गाम में कतेको इंजिनियर, डाक्टर, प्रोफेस्सर, एम्.बी.अ, गजेटेड ऑफिसर, इत्यादि अछि. सब प्रोफेसनल सब अपन -अपन क्षेत्र में गाम के आ देश के नाम रोशन क रहल छथि.

एहिना अपन गाम उन्नति करैत रहे त अपन सबहक कल्याण होइत रहत. एही लेल हमरे सब के ध्यान देबय पडत. एहन नहि जे अपने कल्याण में लागल रही आ अपन जननी के बिसरि जाय.

गाम में समस्या सेहो धरो अछि. बेरोजगारी के त किछु बेसिए. भरि -भरि  दिन ताश खेल क युवक सब अपन उर्जा आ मेधा समाप्त क रहल अछि. नशा के समस्या एक भीषण समस्या अछि, एकरो निदान आवश्यक.

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