Friday, April 27, 2012

खोज

एही दुनिया के भीड़ में
अप्पन छोट नीड़ में
हम ताकै छि अपना के
कतेक दिन से
आर कतेक दिन एहिना 
तकैत रहब
मुदा भेटत
पता नहि.
के छि हम
की अछि हमर अस्तित्व
की प्रयोजन अछि हमर
एही धरती पर
एही धरती के लेल
कून  माया के भंवर में
ओझरायल छि, पता नहि
 की हम इएह करैत रहब 
अनंत काल तक?
अपना के हेरैत अपना लेल.

1 comment:

  1. badd nik lagal, lekin eete sochey kae ki kaaj chhay yau, jaae ekhan bha rahal chhe, aa je hoy bala kaaj chhe o sab samay samay per pata lagait rahtay, aa ee KHOJ ki chhiye ahaan kae time sa pata laaeg jaaet, janae bohut lok kae pata laaaig jaay chhe

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